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हिंदी दिवस प्रतियोगिता


कभी तुम आओ
कभी सागर किनारे रेत
पर लहरों के जैसे
कभी आकाश में
बहते हुए बादल के जैसे
कभी तुम आओ

कभी रंगीन फूलों में
खुशबू के जैसे
कभी बरसात में उड़ते
हुए जुगनू के जैसे
कभी तुम आओ।

कभी एकांत राहों
में वन फूलों के जैसे
कभी सावन में खुशहाली
भरे झूलों के जैसे
कभी तुम आओ।

कभी एकांत में लिखी 
हुई कविता के जैसे
कभी लहरों में बल खाती
किसी नैया के जैसे
कभी तुम आओ।।




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9 Comments

Gunjan Kamal

22-Sep-2022 02:52 PM

शानदार

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बहुर ही खूबसूरत रचना,,, और कल्पना की उड़ान उत्कृष्ठ

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Anshumandwivedi426

21-Sep-2022 07:55 AM

धन्यवाद मणिभाई बस कल तो रेस लगी थी

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नंदिता राय

20-Sep-2022 09:25 PM

शानदार

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Anshumandwivedi426

21-Sep-2022 07:55 AM

आभार आपका

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